Joe Biden Biography दोस्तों उम्र कभी भी आपके सफलता के आड़े नहीं आ सकती। बस जरूरत है। अपने काम को लेकर डेडीकेशन और मेहनत की और इस बात को बहुत अच्छे तरीके से साबित करते हुए नजर आए हैं। अमेरिकन राष्ट्रपति जो बाइडेन । 77 वर्ष की उम्र में यूनाइटेड स्टेट्स जैसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति का चुनाव जीतकर जो बाइडेन ने दुनिया को अपनी चंदा लीडरशिप का लोहा मनवाया है । लेकिन उनकी सफलता की ए जर्नी इतनी आसान नहीं रही और यही कारण है। कि आपको
जो बाइडेन की बायोग्राफी
से काफी ज्यादा इंस्पिरेशन और मोटिवेशन मिलने वाली है। तो दोस्तों कहानी शुरू होती है। 20 नवंबर 1942 से जब जो वार्डन का जन्म अमेरिका के पेंसिलवेनिया स्टेट में हुआ था। उनका पूरा नाम जोसेफ रौबीनेनट बाइडेन जूनियर रखा गया था। अरुण के पिता का नाम जोसेफ रौबीनेनट बाइडेन सीनियर था। वैसे तो जो का जन्म एक अच्छे घराने में हुआ था। उनके पिता एक तेल के व्यापारी थे। लेकिन व्यापार में लगातार नुकसान की वजह से उनके पिता का बिजनेस धीरे-धीरे कम होता गया। और अंत में आकर उन्हें अपना बिजनेस बंद करना पड़ा। अपने बच्चों और परिवार की देखरेख के लिए उनके पिता ने नौकरी की तलाश शुरू कर दी। लेकिन कोई भी अच्छी नौकरी ना मिलने की वजह से उनके पिता ने जो को अपने नाना नानी के यहां रहने के लिए छोड़ दिया। ताकि उनकी उनकी परवरिश एक सेव इंवॉरमेंट में हो सके। कुछ समय बाद जब उनके पिता को एक कार सेल्स की जॉब मिली।
तो उनका पूरा परिवार उनके साथ डेलावेयर शिफ्ट हो गया। काफी लंबे समय तक उनका परिवार डेलावेयर में रहा।और जो वार्डन ने भी अपनी पढ़ाई लिखाई यहीं से पूरी की। बाइडेन अपने स्कूल के दिनों में इतने अच्छे स्टूडेंट तो नहीं थे। पर वह स्पोर्ट्स में बहुत ज्यादा अच्छे थे। और वहां के पॉपुलर गेम रग्बी और वीस बॉल पूल वे काफी अच्छी से खेल पाते थे।
स्पोर्ट्स में अच्छे होने की वजह से
उनमें लीडरशिप की एक बेहतरीन क्वालिटी थी। और उन्हें स्पीच देना भी काफी ज्यादा अच्छा लगता था। लेकिन अपने हकलाने की समस्या को लेकर स्पीच के दौरान काफी प्रॉब्लम शेयर करते हैं। और इसमें सुधार लाने के लिए। जो बिडेन शीशे के सामने घंटों तक अच्छे से स्पीच देने की प्रैक्टिस किया करते थे। अपनी जुबान पर एक छोटा सा पत्थर रखकर भी प्रैक्टिस करते थे। और काफी समय तक ऐसा करने की वजह से उन्होंने अपने हकलाने की समस्या से छुटकारा पा लिया। राजनीति में अपना करियर बनाने के लिए उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर में एडमिशन ले लिया। और वहां उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में अपनी पढ़ाई पूरी करें। हालांकि यहां पर भी वो पढ़ाई में इतना ज्यादा अच्छा परफॉर्म नहीं कर पा रहे थे। पर फिर भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। और उसके बाद लॉ की पढ़ाई करने के लिए बायडन ने सारक यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया। लॉ की पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात नेलिया हंटर से हुई। जिनके साथ आगे चलकर जो ने शादी कर लिए जो बायडन ने लॉ की डिग्री तो हासिल कर ली थी। पर उनकी योग्यता यहां पर भी बहुत खराब रही और 85 बच्चों की क्लास में जो बायडन 75 वें स्थान पर थे।
पढ़ाई में उन्हें लगातार निराशा हाथ लगी।
लेकिन जो ब्राइडल अपने असली हालैंड को बहुत अच्छे से पहचानते थे। और वह भी इस बात को मानते थे। कि उनमें एक अच्छा लीडर बनने के सभी गुण है। और इसी वजह से उन्होंने पॉलिटिक्स में अपना करियर बनाने का फैसला करा। 1970 में उन्हें काउंटी काउंसिल की सीट के लिए चुन लिया गया। और 1972 तक काउंसिल में काम करने के साथ-साथ जो बिडेन अपनी लौकी प्रैक्टिस भी करते रहे।
लोगों की सेवा करना देश में न्याय की रक्षा करने
जैसी चीजों में मन लगने लगा था। और वह बहुत ही जल्दी राजनीति के पदों में ऊपर बढ़ते गए। सब कुछ सही चल रहा था। और जो वाइडन सीनेटर के चुनाव लड़ने की तैयारी में भी जुट चुकी थी। लेकिन उससे पहले ही कुछ ऐसा हुआ। जिसमें से जो मैडम ने राजनीति से दूरी बनाने का फैसला कर लिया 18 दिसंबर 1972 के थे। उनकी वाइफ और उनकी 1 साल की बेटी की सड़क हादसे में मौत हो गई। और उनके दोनों बेटों को भी काफी सारा चोंट आई। इसके बाद से जो काफी ज्यादा टूट चुके थे । मैंने फैसला करा। कि वह राजनीति से दूर रहते हुए। अपने बच्चों की देखभाल करेंगे लेकिन तब उस समय के सीनेटर ने जो बटन को चुनाव की अहमियत समझाई।
पर यह समझाया की अमेरिका को बाइडन की कितनी ज्यादा जरूरत है। तब जो ने सीनेटर का चुनाव लड़ा और वह मात्र 30 साल की उम्र में अमेरिका के छठे सबसे कम उम्र वाले सेंटर बने। अपनी पहली पत्नी की डेट के 3 सालों के बाद। जो की मुलाकात जेल नाम की एक लड़की से होगी। जो उस वक्त अपने कॉलेज के सीनियर ईयर में पढ़ाई कर रही थी। जो और जेल की पहली मुलाकात में उन्हें अहसास हो गया था। कि उन दोनों के बीच बहुत अच्छी केमिस्ट्री है। इसी के चलते कुछ सालों तक डेट करने के बाद उन दोनों ने शादी कर ली।
अपने सेंटर के कार्यकाल में उन्होंने काफी सारे ऐसे मुद्दों पर जोर दिया। जिससे की आम जनता की जिंदगी और भी ज्यादा बेहतर और शांति जनक हो सके। और इसी वजह से लोग उनके काम से काफी ज्यादा खुशी हुई।
2009 में उन्हें बराक ओबामा ने वाइस प्रेसिडेंट बनाने के लिए चुना
। पर दोनों ही एक दूसरे की अक्सर तारीफ करते हुए भी नजर आते रहे। बराक ओबामा के राष्ट्रपति पद से हटने के बाद। से जो बाइडेन को लगातार उस पद का दावेदार बताया जाने लगा। लेकिन जो वार्डन 2020 के इलेक्शन को लेकर इतने ज्यादा शोर नहीं थे। पर काफी ज्यादा सोच विचार करने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला करा। और अब बायडेन चुनाव को जीतकर अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं। लेकिन उनका यह फैसला उनके लिए काफी अच्छा साबित हुआ। जो हमेशा से ही क्लाइमेट चेंज , ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी चीजों का सलूशन निकालने पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया है। और उनका कहना है। कि देश की आर्थिक स्थिति को सही रखने के साथ-साथ इन चीजों पर भी ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना जरूरी है।